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Shri Venkateshwar Puja Vidhi

.. श्री वेङ्कटेश्वर पूजा विधि ..
This puujaa consists of  Sri VenkaTeshvara SuprabhAtam and Sri VenkaTeshvara aShTottara And sahasranAma; The day selected is the 1st of every gregorian year; time 0500hrs Morning.  1 At the regular Altar

ॐ सर्वेभ्यो गुरुभ्यो नमः  .
ॐ सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः  .
ॐ सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः  ..
प्रारंभ कार्यं निर्विघ्नमस्तु  .  शुभं शोभनमस्तु  .
इष्ट देवता कुलदेवता सुप्रसन्ना वरदा भवतु  ..
अनुज्ञां देहि  ..

At Shrii VenkaTeshvara Altar
२  आचमनः

ॐ केशवाय स्वाहा  .  ॐ नारायणाय स्वाहा  .
ॐ माधवाय स्वाहा  .

ॐ गोविंदाय नमः  .  ॐ विष्णवे नमः  .
ॐ मधुसूदनाय नमः  .  ॐ त्रिविक्रमाय नमः  .
ॐ वामनाय नमः  .  ॐ श्रीधराय नमः  .
ॐ हृषीकेशाय नमः  .  ॐ पद्मनाभाय नमः  .
ॐ दामोदराय नमः  .  ॐ सङ्कर्षणाय नमः  .
ॐ वासुदेवाय नमः  .  ॐ प्रद्युम्नाय नमः  .
ॐ अनिरुद्धाय नमः  .  ॐ पुरुषोत्तमाय नमः  .
ॐ अधोक्षजाय नमः  .  ॐ नारसिंहाय नमः  .
ॐ अच्युताय नमः  .  ॐ जनार्दनाय नमः  .
ॐ उपेंद्राय नमः  .  ॐ हरये नमः  .
श्री कृष्णाय नमः  ..

३  प्राणायामः

ॐ प्रणवस्य परब्रह्म ऋषिः  .  परमात्मा देवता  .
दैवी गायत्री छन्दः  .  प्राणायामे विनियोगः  ..

ॐ भूः  .  ॐ भुवः  .  ॐ स्वः  .  ॐ महः  .
ॐ जनः  .  ॐ तपः  .  ॐ सत्यम्  .
ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गोदेवस्य धीमही
धियो यो नः प्रचोदयात्  ..
(Repeat aachamana )
ॐ आपोज्योति रसोमृतं ब्रह्म भूर्भुवस्सुवरोम्  ..

४  सङ्कल्पः

ॐ श्रीमान् महागणाधिपतये नमः  .

श्री गुरुभ्यो नमः  .  श्री सरस्वत्यै नमः  .
श्री वेदाय नमः  .  श्री वेदपुरुषाय नमः  .
इष्टदेवताभ्यो नमः  .  कुलदेवताभ्यो नमः  .
स्थानदेवताभ्यो नमः  .  ग्रामदेवताभ्यो नमः  .
वास्तुदेवताभ्यो नमः  .  शचीपुरंदराभ्यां नमः  .
उमामहेश्वराभ्यां नमः  .  मातापितृभ्यां नमः  .
पद्मावती नारायणाभ्यां नमः  .

सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमो नमः  .
सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमो नमः  .
येतद्कर्म प्रधान देवताभ्यो नमो नमः  ..

..  अविघ्नमस्तु  ..

सुमुखश्च एकदंतश्च कपिलो गजकर्णकः  .
लंबोदरश्च विकटो विघ्न नाशो गणाधिपः  ..
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो बालचन्द्रो गजाननः  .
द्वादशैतानि नामानि यः पठेत् श्रुणुयादपि  ..
विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा  .
संग्रामे सङ्कटेश्चैव विघ्नः तस्य न जायते  ..

शुक्लांबरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजम्  .
प्रसन्न वदनं ध्यायेत् सर्व विघ्नोप शांतये  ..

सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके  .
शरण्ये त्रयंबके देवी नारायणी नमोऽस्तुते  ..

सर्वदा सर्व कार्येषु नास्ति तेषां अमङ्गलम्  .
येषां हृदिस्थो भगवान् मङ्गलायतनो हरिः  ..

तदेव लग्नं सुदिनं तदेव ताराबलं चंद्रबलं तदेव  .
विद्या बलं दैवबलं तदेव पद्मावतीपतेः तेंघ्रिऽयुगं स्मरामि  ..

लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः  .
येषां इन्दीवर श्यामो हृदयस्थो जनार्दनः  ..

विनायकं गुरुं भानुं ब्रह्माविष्णुमहेश्वरान्  .
सरस्वतीं प्रणम्यादौ सर्व कार्यार्थ सिद्धये  ..

श्रीमद् भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञाय प्रवर्तमानस्य
अद्य ब्रह्मणोऽद्वितीय परार्धे विष्णुपदे श्री श्वेतवराह कल्पे
वैवस्वत मन्वन्तरे भारत वर्षे भरत खंडे जंबूद्वीपे
दण्डकारण्य देशे गोदावर्या दक्षिणे तीरे कृष्णवेण्यो उत्तरे
तीरे परशुराम क्षेत्रे (samyukta amerikA deshe  or Australia  deshe
Victoria   grAme baharInu deshe)शालिवाहन शके वर्तमाने
व्यवहारिके विक्रम नाम संवत्सरे दक्षिणायणे  हेमन्त ऋतौ 
पुष्य मासे , शुक्ल पक्षे , शष्टि तिथौ , पूर्व पाद्रा नक्षत्रे ,
सोम वासरे सर्व ग्रहेषु यथा राशि स्थान स्थितेषु सत्सु येवं
गुणविशेषेण विशिष्टायां शुभपुण्यतिथौ मम आत्मन
श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त फलप्राप्यर्थं मम सकुटुम्बस्य
क्षेम स्थैर्य आयुरारोग्य चतुर्विध पुरुषार्थ सिध्यर्थं
अंगीकृत श्री वेङ्कटेश्वर व्रतांगत्वेन संपादित
सामग्रय्य श्रीगणेश वरुण ब्रह्म सूर्यादि नवग्रह इंद्रादि
अष्टलोकपाल गणपति चतुष्ट देवता पूजनपूर्वकं
श्री वेङ्कटेश्वर प्रीत्यर्थं यथा शक्त्या यथा
मिलितोपचार द्रव्यैः पुरुषसूक्त श्रीसूक्त विष्णुसूक्त
पुराणोक्त मन्त्रैश्च ध्यानावाहनादि षोडशोपचारे
श्री वेङ्कटेश्वर पूजनं , श्री वेङ्कटेश्वर शस्रनामं (तथा
व्रतोक्त कथा श्रवणं  च if you have padmAvatii kalyANa story
available )करिष्ये  ..

इदं फलं मयादेव स्थापितं पुरतस्तव  .
तेन मे सफलावाप्तिर्भवेत् जन्मनि जन्मनि  ..
(keep fruits in front of the Lord)

५  षडङ्ग न्यास
( touching various parts of the body)

ॐ यत्पुरुषं व्यदधुः कतिधा व्यकल्पयन्  .
मुखं किमस्य कौ बाहू कावूरू पादावुच्येते  ..
अंगुष्ठाभ्यायां नमः  . (touch the thumbs)
हृदयाय नमः  ..

ॐ ब्राह्मणोस्य मुखमासीत् बाहू राजन्यः कृतः  .
उरू तदस्य यद्वैश्यः पद्भ्यां शूद्रो अजायत  ..
तर्जनीभ्यां नमः  . (touch both fore fingers)
शिरसे स्वाहा  ..

ॐ चंद्रमा मनसो जातः चक्षोः सूर्यो अजायत  .
मुखादिन्द्रश्चाग्निश्च प्राणाद्वायुरजायत  ..
मध्यमाभ्यां नमः  . (touch middle fingers)
शिखायै वौषट्  ..

नाभ्या आसीदन्तरिक्षम् शीर्ष्णो द्यौः समवर्तत  .
पदभ्यां भूमिर्दिशः श्रोत्रात् तथा लोकागुं अकल्पयन्  ..
अनामिकाभ्यां नमः  . (touch ring fingers)
कवचाय हुम्  ..

सप्तास्या सन् परिधय: त्रिः सप्त समिधः कृताः  .
देवा यद् यज्ञं तन्वाना अबध्नन् पुरुषं पशुं  ..
कनिष्ठिकाभ्यां नमः  . (touch little fingers)
नेत्रत्रयाय वौषट्  ..

यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्  .
तेह नाकं महिमानः सचन्ते यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः  ..
करतलकरपृष्ठाभ्यायां नमः  .  अस्त्राय फट्  ..
(snap fingers circle head clockwise and clap hands)

६  दिग्बन्धन
(  show mudras)

ॐ वेङ्कटेश्वराय इति दिग्बन्धः  .  दिशो बद्नामि  ..

७  गणपति पूजा

आदौ निर्विघ्नतासिध्यर्थं महा गणपतिं पूजनं करिष्ये  .
ॐ गणानां त्वा शौनको गृत्समदो गणपतिर्जगति
गणपत्यावाहने विनियोगः  ..
(pour water)

ॐ गणानां त्वा गणपतिं आवामहे  .
कविं कविनामुपम श्रवस्तमम्  .
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत  .
आनः शृण्वन्नूतिभिः सीदसादनम्  ..

भूः गणपतिं आवाहयामि  .
भुवः गणपतिं आवाहयामि  .
स्वः गणपतिं आवाहयामि  .
ॐ भूर्भुवस्वः महागणपतये नमः  .
ध्यायामि  .  ध्यानं समर्पयामि  .

ॐ महागणपतये नमः  .  आवाहनं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  आसनं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  पाद्यं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  अर्घ्यं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  आचमनीयं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  स्नानं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  वस्त्रं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  यज्ञोपवीतं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  चंदनं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  परिमल द्रव्यं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  पुष्पाणि समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  धूपं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  दीपं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  नैवेद्यं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  ताम्बूलं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  फलं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  दक्षिणां समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  आर्तिक्यं समर्पयामि  .

ॐ भूर्भुवस्वः महागणपतये नमः  .
मन्त्रपुष्पं समर्पयामि  .
ॐ भूर्भुवस्वः महागणपतये नमः  .
प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि  .
ॐ भूर्भुवस्वः महागणपतये नमः  .
छत्रं समर्पयामि  .

ॐ महागणपतये नमः  .  चामरं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  गीतं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  नृत्यं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  वाद्यं समर्पयामि  .
ॐ महागणपतये नमः  .  सर्व राजोपचारान् समर्पयामि  ..

..  अथ प्रार्थना  ..
ॐ वक्रतुण्ड महाकाय कोटि सूर्य समप्रभ  .
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा  ..
ॐ भूर्भुवस्वः महागणपतये नमः  .  प्रार्थनां समर्पयामि  .

अनया पूजया विघ्नहर्ता महागणपति प्रियताम्  ..

८  दीप स्थापना

अथ देवस्य वाम भागे दीप स्थापनं करिष्ये  .
अग्नि नाग्नि समिध्यते कविर्ग्रहपतिर्युवा हव्यवात् जुवास्यः  ..
(light the lamps)

९  भूमि प्रार्थना

महिद्यौ पृथ्वीचन इमं यज्ञं मिमिक्षतां
पिप्रतान्नो भरीमभिः  ..

१०  धान्य राशि

ॐ औषधाय संवदंते सोमेन सहराज्ञ  .
यस्मै कृणेति ब्राह्मणस्थं राजन् पारयामसि  ..
(Touch the grains/rice/wheat)

११  कलश स्थापना

ॐ आ कलशेषु धावति पवित्रे परिसिंच्यते
उक्तैर्यज्ञेषु वर्धते  ..
(keep kalasha on top of rice pile)
ॐ इमं मे गङ्गे यमुने सरस्वती शुतुद्रिस्तोमं सचता परुष्ण्य  .
असिक्न्य मरुद्वृधे वितस्थयार्जीकीये श्रुणुह्या सुषोमय  ..
(fill kalasha with water)
ॐ गंधद्वारां धुरादर्शां नित्य पुष्टां करीषिणीम्  .
ईश्वरीं सर्व भूतानां त्वामि होपह्वये श्रियम्  ..
(sprinkle in/apply ga.ndha to kalasha)
ॐ या फलिनीर्या अफला अपुष्पायाश्च पुष्पाणि  .
बृहस्पति प्रसोतास्थानो मञ्चत्वं हसः  ..
(put beetle nut in kalasha)
ॐ सहिरत्नानि दाशुषेसुवाति सविता भगः  .
तंभागं चित्रमीमहे  ..
(put jewels / washed coin in kalasha)
ॐ हिरण्यरूपः हिरण्य सन्द्रिग्पान्न पात्स्येदु हिरण्य वर्णः  .
हिरण्ययात् परियोनेर्निषद्या हिरण्यदा ददत्थ्यन् नमस्मै  ..
(put gold / daxina in kalasha)
ॐ कान्डात् कान्डात् परोहंति परुषः परुषः परि एवानो दूर्वे
प्रतनु सहस्रेण शतेन च  ..
(put duurva / karika )
ॐ अश्वत्थेवो निशदनं पर्णेवो वसतिश्कृत  .
गोभाज इत्किला सथयत्स नवथ पूरुषम्  ..
(put five leaves in kalasha)
ॐ युवासुवासः परीवीतागात् स उश्रेयान् भवति जायमानः  .
तं धीरासः कावयः उन्नयंति स्वाद्ध्यो स्वाद्ध्यो मनसा देवयंतः ..
(tie cloth for kalasha)
ॐ पूर्णादर्वि परापता सुपूर्णा पुनरापठ  .
वस्नेव विक्रीणावः इषमूर्जं शतकृतो  ..
(copper plate and aShTadala with ku.nkuM)

इति कलशं प्रतिष्ठापयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

११  वरुण पूजन
(On the second kalasha)

तत्वायामि शुनः शेपोः वरुण त्रिष्टुप् कलशे
वरुणावाहने विनियोगः  ..

ॐ तत्वायामि ब्रह्मणा वन्दमानस्तदा शास्ते यजमानो हविर्भिः  .
आहेलमानो वरुणः बोध्युरुशं समान आयुः प्रमोषिः  ..

ॐ भूर्भुवःस्वः वरुणाय नमः  .  चंदनं समर्पयामि  ..
(add to kalasha)
ॐ भूर्भुवःस्वः  .  वरुणाय नमः  .  अक्षतान् समर्पयामि  ..
(add to kalasha)
ॐ भूर्भुवःस्वः  .  वरुणाय नमः  .  हरिद्रा कुङ्कुमं समर्पयामि  ..
ॐ भूर्भुवःस्वः  .  वरुणाय नमः  .  धूपं समर्पयामि  ..
ॐ भूर्भुवःस्वः  .  वरुणाय नमः  .  दीपं समर्पयामि  ..
ॐ भूर्भुवःस्वः  .  वरुणाय नमः  .  नैवेद्यं समर्पयामि  ..
ॐ भूर्भुवःस्वः  .  वरुणाय नमः  .
सकल राजोपचारार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

अवते हेळो वरुण नमोभिरिव यज्ञेभिरीमहे हविर्भिः  .
क्षयं नमस्मभ्यं सुरप्रचेता राजन्नेनाम्सि शिश्रथः कृतानि  ..
वरुणाय नमः  .  मन्त्र पुष्पं समर्पयामि  ..
प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि  ..

अनया पूजया भगवान् श्री महा वरुण प्रियताम्  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

१२  कलश पूजन
( continue with second kalasha)

कलशस्य मुखे विष्णुः कण्ठे रुद्रः समाश्रितः  .
मूले तत्र स्थितो ब्रह्म मध्ये मातृगणाः स्मृताः  ..
कुक्षौतु सागराः सर्वे सप्त द्वीपा वसुंधराः  .
ऋग्वेदोथ यजुर्वेदः सामवेदोह्यथर्वणः  ..
अंगैश्च सहिताः सर्वे कलशंतु समाश्रिताः  .
अत्र गायत्री सावित्री शांति पुष्टिकरी तथा  ..

आयान्तु देव पूजार्थं अभिषेकार्थ सिद्धये  ..

ॐ सितासिते सरिते यत्र संगधे तत्राप्लुतासो दिवमुत्पतंति  .
ये वैतन्वं विस्रजन्ति धीरास्ते जनासो अमृतत्त्वं भजन्ति  ..

..  कलशः प्रार्थनाः  ..

कलशः कीर्तिमायुष्यं प्रज्ञां मेधां श्रियं बलम्  .
योग्यतां पापहानिं च पुण्यं वृद्धिं च साधयेत्  ..
सर्व तीर्थमयो यस्मात् सर्व देवमयो यतः  .
अथः हरिप्रियोसि त्वं पूर्णकुंभं नमोऽस्तुते  ..

कलशदेवताभ्यो नमः  .
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

..  मुद्रा  ..
(Show mudras as you chant )

निर्वीषि करणार्थे तार्क्ष मुद्रा  .
अमृति करणार्थे धेनु मुद्रा  .
पवित्री करणार्थे शङ्ख मुद्रा  .
संरक्षणार्थे चक्र मुद्रा  .
विपुलमाया करणार्थे मेरु मुद्रा  .

१३  शङ्ख पूजन
( pour water from kalasha to sha.nkha
add ga.ndha flower)

शङ्खं चंद्रार्क दैवतं मध्ये वरुण देवताम्  .
पृष्ठे प्रजापतिं विंद्याद् अग्रे गंगा सरस्वतीम्  ..
त्वं पुरा सागरोत्पन्नो विष्णुना विधृतः करे  .
नमितः सर्व देवैश्च पाञ्चजन्यं नमोऽस्तुते  ..

पाञ्चजन्याय विद्महे  .  पावमानाय धीमहि  .
तन्नो शङ्खः प्रचोदयात्  ..

शङ्ख देवताभ्यो नमः  .
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि ..

१४  घंटार्चना
( Pour drops of water from sha.nkha on top of the bell
apply ga.ndha flower)

आगमार्थन्तु देवानां गमनार्थन्तु राक्षसाम्  .
कुरु घंटारवं तत्र देवतावाहन लांछनम्  ..
ज्ञानथोऽज्ञानतोवापि कांस्य घंटान् नवादयेत्  .
राक्षसानां पिशाचानां तद्देशे वसतिर्भवेत्  .
तस्मात् सर्व प्रयत्नेन घंटानादं प्रकारयेत्  .

घंटा देवताभ्यो नमः  .
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

(Ring the gha.nTaa)

१५  आत्मशुद्धि
(  Sprinkle water from sha.nkha
on puja items and devotees)

अपवित्रो पवित्रो वा सर्व अवस्थांगतोपि वा  .
यः स्मरेत् पुंडरीकाक्षं सः बाह्याभ्यंतरः शुचिः  ..

१६  नवग्रह अष्ट एवं चतुर्दल देवता पूजन

..  नवग्रह देवता पूजन  ..
(begin at east go clockwise)

आकृष्णेनाङ्गीरसो हिरण्यस्तुपः सविता त्रिष्टुप्
सूर्यावाहने विनियोगः  ..
हिरण्ययेन सवितारतैन् देवो याति भुवनानि पश्यन्  ..
सूर्याय नमः  .  सूर्यं आवाहयामि  ..

आप्यायस्वेति गौतमः सोमो गायत्रि चंद्रावाहने विनियोगः  ..
ॐ आप्यायस्वसमेतुते विश्वतः सोमवृष्णम्
भवा वाजस्य संघदे  .  चंद्राय नमः  .  चन्द्रं आवाहयामि  ..

अग्नि मूर्द्ध विरूपाङ्गारको गायत्रि अङ्गारकावाहने विनियोगः  ..
ॐ अग्निमूर्धादिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम्  .
आपाम्रेताम्सि जिंवति  .  अङ्गारकाय नमः  .  अङ्गारकं आवाहयामि  ..

उद्भुद्दद्वं स्ँयो बुधः त्रिष्टुप् बुधावाहने विनियोगः  ..
ॐ उद्भूद्यद्वं समनसः सखायाः समग्नि विंद्वं बहवः
सनीलः दधिक्रामग्नि मशसञ्च देवीमिंद्रावतो वसनिह्वयेवः  .
बुधाय नमः  .  बुधं आवाहयामि  ..

बृहस्पते घृत्समधो बृहस्पति त्रिष्टुप् बृहस्पत्यावाहने विनियोगः  ..
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेष  .
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्  ..
बृहस्पतये नमः  .  बृहस्पतिं आवाहयामि  ..

शुक्रांते भारद्वाजः शुक्रः त्रिष्टुप् शुक्रावाहने विनियोगः  ..
ॐ शुक्रांते अन्यद्य जतन्ते अन्यद्विशुरुषे अहनि दौरिवासि
विश्वहिमाया अवसि स्वाध्वो भद्रते पूशन्निहिरातिरस्तु
शुक्राय नमः  .  शुक्रं आवाहयामि  ..

शमग्निरिरिंबिरः शनैश्चर उष्णिक् शन्यावाहने विनियोगः  ..
ॐ शमग्निराग्निभिः करश्चन्न तपतु सूर्यः
शमवातो वात्वरपा अपसृधः
शनैश्चराय नमः  .  शनैश्चरं आवाहयामि  ..

कयानो वामदेवो राहुर्गायत्रि राहु आवाहने विनियोगः  ..
ॐ कयानश्चित्र आभूवदूती सदावृधः सखा  .
कया शचिष्टयाऽवृता  ..
राहवे नमः  .  राहुं आवाहयामि  ..

केतुं कृण्वन् मधुश्चंदः केतुर्गायत्रि केत्वावाहने विनियोगः  ..
ॐ केतुं कृण्वन् केतवे पेशो मर्य आपेशसे  .  समुषड्भिरजायथा  ..
केतवे नमः  .  केतुं आवाहयामि  ..

..  अष्टदल देवता पूजन  ..

ॐ इंद्राय नमः  .  अग्नये नमः  .  यमाय नमः  .
नैऋतये नमः  .  वरुणाय नमः  .  वायवे नमः  .
कुबेराय नमः  .  ईशानाय नमः  .

..  चतुर्दल देवता  ..

ॐ गणपतये नमः  .  ॐ दुर्गायै नमः  .
ॐ क्षेत्रपालाय नमः  .  ॐ वसोष्पतये नमः  .

रव्यादि नवग्रह अष्टदल चतुर्दलेषु स्थित सर्वदेवताभ्यो नमः  ..

ध्यायामि  .  ध्यानं समर्पयामि  .
आवाहनं समर्पयामि  .  आसनं समर्पयामि  .
पाद्यं समर्पयामि  .  अर्घ्यं समर्पयामि  .
आचमनीयं समर्पयामि  .  स्नानं समर्पयामि  .
वस्त्रं समर्पयामि  .  यज्ञोपवीतं समर्पयामि  .
गंधं समर्पयामि  .  धूपं आघ्रापयामि  .
दीपं दर्शयामि  .  नैवेद्यं निवेदयामि  .
मन्त्रपुष्पं समर्पयामि  .  सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

यस्य स्मृत्या च नाम्नोक्त्या तपः पूजा क्रियादिषु  .
न्यूनं संपूर्णतां यादि सद्यो वन्दे तमच्युतम्  ..

अनया पूजया नवग्रहादि देवता प्रियताम्  ..

१७  षट् पात्र पूजा
(  put tulasi leaves or axatAs in empty vessels)

वायव्ये अर्घ्यम्  .  नैऋत्ये पाद्यम्  .
ईशान्ये आचमनीयम्  .  आग्नेये मधुपर्कम्  .
पूर्वे स्नानीयम्  .  पश्चिमे पुनराचमनम्  .

१८  पञ्चामृत पूजा
(  put tulasi leaves or axataas in vessels )

क्षीरे गोविन्दाय नमः  . (keep milk in the centre)
दधिनि वामनाय नमः  . (curd facing east )
घृते विष्णवे नमः  . (Ghee to the south)
मधुनि मधुसूधनाय नमः  . ( Honey to west )
शर्करायां अच्युताय नमः  . ( Sugar to north)

१९  द्वारपालक पूजा

पूर्वद्वारे द्वारश्रियै नमः  .
जयाय नमः  .  विजयाय नमः  .
दक्षिणद्वारे द्वारश्रियै नमः  .
नंदाय नमः  .  सुनंदाय नमः  .
पश्चिमद्वारे द्वारश्रियै नमः  .
बलाय नमः  .  प्रबलाय नमः  .
उत्तरद्वारे द्वारश्रियै नमः  .
कुमुदाय नमः  .  कुमुदाक्षाय नमः  .

मध्ये नवरत्नखचित दिव्यसिंहासनस्योपरि
श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  ..
द्वारपालक पूजां समर्पयामि  ..

२०  पीठ पूजा

पीठस्य अधोभागे आधार शक्त्यै नमः  ..  कूर्माय नमः  ..
दक्षिणे क्षीरोदधिये नमः  ..  सिंहाय नमः  ..
सिंहासनस्य आग्नेय कोणे वराहाय नमः  ..
नैऋत्य कोणे ज्ञानाय नमः  ..  वायव्य कोणे वैराग्याय नमः  ..
ईशान्य कोणे ऐश्वर्याय नमः  ..  पूर्व दिशे धर्माय नमः  ..
दक्षिण दिशे ज्ञानाय नमः  ..  पश्चिम दिशे वैराग्याय नमः  ..
उत्तर दिशे अनैश्चराय नमः  ..  पीठ मध्ये मूलाय नमः  ..
नालाय नमः  ..  पत्रेभ्यो नमः  ..  केसरेभ्यो नमः  ..
कर्णिकायै नमः  ..  कर्णिका मध्ये सं सत्त्वाय नमः  ..
रं रजसे नमः  ..  तं तमसे नमः  ..

सूर्यमण्डलाय नमः  ..  सूर्यमण्डलाधिपतये ब्रह्मणे नमः  ..
सोममण्डलाय नमः  ..  सोममण्डलाधिपतये विष्णवे नमः  ..
वह्निमण्डलाय नमः  ..  वह्निमण्डलाधिपतये ईश्वराय नमः  ..

श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  पीठ पूजां समर्पयामि  ..

२१  दिग्पालक पूजा
( Start from east of kalasha or deity)
इंद्राय नमः  ..  अग्नये नमः  ..  यमाय नमः  ..
नैऋतये नमः  ..  वरुणाय नमः  ..  वायव्ये नमः  ..
कुबेराय नमः  ..  ईशानाय नमः  ..

इति दिग्पालक पूजां समर्पयामि  ..

२२  प्राण प्रतिष्ठा
( hold flowers/axata in hand)
ध्यायेत् सत्यम् गुणातीतं गुणत्रय समन्वितं
लोकनाथं त्रिलोकेशं कौस्तुभाभरणं हरिम्  .
नीलवर्णं पीतवासं श्रीवत्स पदभूषितं
गोकुलानन्दं ब्रह्माध्यैरपि पूजितम्  ..

(hold flowers/axataa in hand)
ॐ अस्य श्री प्राण प्रतिष्ठापन महा मंत्रस्य
ब्रह्मा विष्णु महेश्वरा ऋषयः
ऋग्यजुर्सामाथर्वाणि छन्दांसि  .  प्राण शक्तिः  .
परा देवता  .  आं बीजं  .  ह्रीं शक्तिः  .  क्रों कीलकं  .

अस्यां मूर्तौ प्राण प्रतिष्ठा सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः  ..

..  करन्यासः  ..

आं अंगुष्ठाभ्यां नमः  ..  ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः  ..
क्र्ँ मध्यमाभ्यां नमः  ..  आं अनामिकाभ्यां नमः  ..
ह्रीं कनिष्ठिकाभ्यां नमः  ..  क्र्ँ करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः  ..

..  अङ्गन्यासः  ..

आं हृदयाय नमः  ..  ह्रीं शिरसे स्वाहा  ..
क्र्ँ शिखायै वौषट्  ..  आं कवचाय हुम्  ..
ह्रीं नेत्रत्रयायवौषट्  ..  क्र्ँ अस्त्राय फट्  ..

भूर्भुवस्वरोम्  ..

आं ह्रीं क्र्ँ क्र्ँ ह्रीं आं
य र ल व श ष स ह
ॐ अहं सः सोहं सोहं अहं सः  .

अस्यां मूर्ते प्राणः तिष्ठंतुः  .  अस्यां मूर्ते जीवः तिष्ठन्तु  .
अस्यां मूर्ते सर्वेन्द्रियाणि मनस्त्वत् चक्षुः
श्रोत्र जिह्वा घ्राणैः वाक्वाणि पादपायोपस्थानि
प्राण अपान व्यान उदान समान अत्रागत्य
सुखेन स्थिरं तिष्ठन्तु स्वाहा  .

असुनीते पुनरस्मासु चक्षुवः पुनः प्राणमिहीनो
देहिभोगं जोक्षश्येम सूर्यमुच्चरन्तु मनुमते
मृडयान स्वस्ति अमृतं वै प्राणा अमृतमापः प्राणानेव
यथा स्थानं उपह्वयेत्  ..

स्वामिन् सर्व जगन्नाथ यावत्पूजावसानकं
तावत्व प्रीतिभावेन बिम्बेस्मिन् कलशेस्मिन्
प्रतिमायां सन्निधिं कुरु  ..

२३  ध्यानं

ॐ ॐ ( repeat 15 times)
ॐ शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम्  .
लक्ष्मी कान्तं कमलनयनं योगिहृद्ध्यानगम्यं
वंदेविष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्  ..

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२४  आवाहनं
(  hold flowers in hand)

ॐ सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात्  .
स भूमिं विश्वतो वृत्वा अत्यतिष्ठद्दशाङ्गुलम्  ..

आगच्छ देवदेवेश तेजोराशे जगत्पते  .
क्रियमाणां मया पूजां गृहाण सुरसत्तमे  ..

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्  .
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो ममावह  ..

श्री पद्मावती सहित श्री वेङ्कटेश्वराय
सांगाय सपरिवाराय सायुधाय
सशक्तिकाय नमः  .

श्री पद्मावती सहित श्री वेङ्कटेश्वरं सांगं
सपरिवारं सायुधं सशक्तिकं आवाहयामि  ..
(offer flowers to Lord)

आवाहितो भव  .  स्थापितो भव  .  सन्निहितो भव  .
सन्निरुद्धो भव  .  अवकुण्ठिथो भव  .  सुप्रीतो भव  .
सुप्रसन्नो भव  .  सुमुखो भव  .  वरदो भव  .
प्रसीद प्रसीद  ..
(show mudras to Lord)

२५  आसनं

पुरुष एवेदगुं सर्वम् यद्भूतं यच्छ भव्यम्  .
उतामृतत्वस्येशानः यदन्नेनातिरोहति  ..

नाना रत्न समायुक्तं कार्तस्वर विभूषितम्  .
आसनं देवदेवेश प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  आसनं समर्पयामि  ..
(offer flowers/axathaas)

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मी मनपगामिनीम्  .
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्  ..

आसनं समर्पयामि  ..

२६  पाद्यं
( offer water)

एतावानस्य महिमा अतो ज्यायागुश्च पूरुषः  .
पादोऽस्य विश्वा भूतानि त्रिपादस्यामृतं दिवि  ..

गङ्गादि सर्व तीर्थेभ्यो मया प्रार्थनया हृतम्  .
तोयमे तत् सुख स्पर्शं पाद्यर्थं प्रतिगृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  पादोयो पाद्यं समर्पयामि  ..

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम्  .
श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम्  ..
पादोयो पाद्यं समर्पयामि  ..

२७  अर्घ्यं
( offer water)

त्रिपादूर्ध्व उदैत्पुरुषः पादोऽस्येहाभवात्पुनः  .
ततो विश्वङ्व्यक्रामत् साशनानशने अभि  ..

नमस्ते देवदेवेश नमस्ते धरणीधर  .
नमस्ते कमलाकांत गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  अर्घ्यं समर्पयामि  ..

कांसोस्मि तां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्  .
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां त्वामिहोपह्वये श्रियम्  ..
अर्घ्यं समर्पयामि  ..

२८  आचमनीयं
( offer water or axathaa/ leave/flower)

तस्माद्विराडजायत विराजो अधि पूरुषः  .
स जातो अत्यरिच्यत पश्चाद्भूमिमथो पुरः  ..

कर्पूर वासितं तोयं मन्दाकिन्यः समाहृतम्  .
आचम्यतां जगन्नाथ मयादत्तं हि भक्तितः  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  आचमनीयं समर्पयामि  ..

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलंतीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्  .
तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे  ..
आचमनीयं समर्पयामि  ..

२९  स्नानं

यत्पुरुषेण हविषा देवा यज्ञमतन्वत  .
वसन्तो अस्यासीदाज्यम् ग्रीष्म इध्मश्शरद्धविः  ..

गंगाच यमुनाश्चैव नर्मदाश्च सरस्वति  .
तापि पयोष्णि रेवच ताभ्यः स्नानार्थमाहृतम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  मलापकर्श स्नानं समर्पयामि  ..

आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः  .
तस्य फलानि तपसानुदन्तुमायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः  ..

स्नानं समर्पयामि  ..

२९. १  पञ्चामृत स्नानं
२९. १. १  पयः स्नानं ( milk bath)

ॐ आप्याय स्व स्वसमेतुते
विश्वतः सोमवृष्ण्यं भवावाजस्य संगधे  ..

सुरभेस्तु समुत्पन्नं देवानां अपि दुर्लभम्  .
पयो ददामि देवेश स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  पयः स्नानं समर्पयामि  ..
पयः स्नानानंतर शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. १. २  दधि स्नानं ( curd bath)

ॐ दधिक्रावणो अकारिषं जिष्णोरश्यवाजिनः  .
सुरभिनो मुखाकरत् प्राण आयुंषितारिषत्  ..

चन्द्र मण्डल संकाशं सर्व देव प्रियं हि यत्  .
दधि ददामि देवेश स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  दधि स्नानं समर्पयामि  ..
दधि स्नानानंतर शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. १. ३  घृत स्नानं ( ghee bath)

ॐ घृतं मिमिक्षे घृतमस्य योनिर्घृते श्रितो घृतंवस्यधाम
अनुष्ठधमावह मादयस्व स्वाहाकृतं वृषभ वक्षिहव्यम्  ..

आज्यं सुरानां आहारं आज्यं यज्ञेय प्रतिष्ठितम्  .
आज्यं पवित्रं परमं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  घृत स्नानं समर्पयामि  ..
घृत स्नानानंतर शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. १. ४  मधु स्नानं ( honey bath)

ॐ मधुवाता ऋतायथे मधुक्षरंति सिन्धवः माध्विनः संतोष्वधीः
मधुनक्ता मुथोषसो मधुमत्वार्थिवं रजः मधुद्यौ रस्तुनः पिता
मधुमान्नो वनस्पतिर्मधुमां अस्तु सूर्यः माध्वीर्गावो भवंतुनः  ..

सर्वौषाधि समुत्पन्नं पीयूष सदृशं मधु  .
स्नानर्तन्ते मया दत्तं गृहाण परमेश्वर  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  मधु स्नानं समर्पयामि  ..
मधु स्नानानंतर शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. १. ५  शर्करा स्नानं ( sugar bath)

ॐ स्वादुः पवस्य दिव्याय जन्मने स्वादुदरिन्द्राय सुहवीतु नाम्ने  .
स्वादुर्मित्राय वरुणाय वायवे बृहस्पतये मधुमा अदाभ्यः  ..

इक्षु दन्डात् समुत्पन्ना रस्यस्निग्धा तरा शुभा  .
शर्करेयं मया दत्तं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  शर्करा स्नानं समर्पयामि  ..
शर्करा स्नानानंतर शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. २  गंधोदक स्नानं ( Sandlewood water bath)

ॐ गंधद्वारां दुराधर्शां नित्य पुष्टां करीषिणीम्  .
ईश्वरीं सर्व भूतानां तामि होप व्हयेश्रियम्  ..

हरि चंदन संभूतं हरि प्रीतिश्च गौरवात्  .
सुरभि प्रिय गोविन्द गंध स्नानाय गृह्यताम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  गंधोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. ३  अभ्यंग स्नानं ( Perfumed Oil bath)

ॐ कनिक्रदज्वनुशं प्रभ्रुवान इयथिर्वाचमरितेव नावम्  .
सुमङ्गलश्च शकुने भवासि मात्वा काचिदभि भाविश्व्या विदत  ..

अभ्यंगार्थं महीपाल तैलं पुष्पादि संभवम्  .
सुगंध द्रव्य संमिश्रं संगृहाण जगत्पते  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  अभ्यंग स्नानं समर्पयामि .
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९. ४  अंगोद्वर्तनकं ( To clean the body)

अंगोद्वर्तनकं देव कस्तूर्यादि विमिश्रितम्  .
लेपनार्थं गृहाणेदं हरिद्रा कुङ्कुमैर्युतम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  अंगोद्वर्तनं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९.५  उष्णोदक स्नानं ( Hot water bath)

नाना तीर्थादाहृतं च तोयमुष्णं मयाकृतम्  .
स्नानार्थं च प्रयश्चामि स्वीकुरुश्व दयानिधे  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  उष्णोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

२९.६  शुद्धोदक स्नानं ( Pure water bath)
स्प्रिन्क्ले वतेर् अल्ल् अरोउन्द्

ॐ आपोहिष्टा मयो भुवः  .  तान ऊर्जे दधातन  .
महीरणाय चक्षसे  .  योवः शिवतमोरसः तस्यभाजयते हनः  .
उशतीरिव मातरः  .  तस्मात् अरंगमामवो  .  यस्य क्षयाय जिंवध  .
आपो जन यथाचनः  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि  ..
सकल पूजार्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..
(after sprinkling water around throw one tulasi leaf to the north)

३०  महा अभिषेकः
(  Sound the bell pour water from kalasha)

३०. १  पुरुष सूक्त

ॐ सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात्   .
स भूमिं विश्वतो वृत्वा अतिष्ठद् दशाङ्गुलम्   .. ०१ ..

पुरुष एवेदगुं सर्वं यद् भूतं यच्च भव्यम्   .
उतामृतत्वस्येशानः यदन्नेनातिरोहति   .. ०२ ..

एतावानस्य महिमा अतोज्यायागुंश् च पूरुषः   .
पादोऽस्य विश्वा भूतानि त्रिपादस्यामृतं दिवि   .. ०३ ..

त्रिपादूर्ध्व उदैत्पुरुषः पादोऽस्येहाभवत् पुनः   .
ततो विष्वन् व्यक्रामत् साशनानशने अभि   .. ०४ ..

तस्माद् विराडजायत विराजो अधि पूरुषः   .
सजातो अत्यरिच्यत पश्चाद् भूमि मथोपुरः   .. ०५ ..

यत् पुरुषेण हविषा देवा यज्ञमतन्वत   .
वसन्तो अस्यासीदाज्यं ग्रीष्म इध्मः शरद्धविः   .. ०६ ..

सप्तास्यासन्परिधयः त्रिः सप्त समिधः कृताः   .
देवा यद् यज्ञं तन्वाना अबध्नन् पुरुषं पशुं   .. ०७ ..

तं यज्ञं बर्हिषि प्रौक्षन्  पुरुषं जातमग्रतः   .
तेन देवा अयजन्त साध्या ऋषयश् च ये   .. ०८ ..

तस्माद् यज्ञात् सर्वहुतः सम्भृतम् पृषदाज्यम्   .
पशूगुस् तागुश्चक्रे वायव्यान् आरण्यान् ग्राम्याश् च ये   .. ०९ ..

तस्माद्यज्ञात्सर्वहुत ऋचः सामानि जज्ञिरे   .
छन्दागुंसि जज्ञिरे तस्माद् यजुस्तस्माद् अजायत   .. १० ..

तस्मादश्वा अजायन्त येके चोभयादतः   .
गावोह जज्ञिरे तस्मात् तस्माज्जाता अजावयः   .. ११ ..

यत्पुरुषं व्यदधुः कतिधा व्यकल्पयन्   .
मुखं किमस्य कौबाहू काऊरू पादा उच्येते   .. १२ ..

ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीद्  बाहू राजन्यः कृतः   .
ऊरू तदस्य यद्वैश्यः पद्भ्यां शूद्रो अजायत   .. १३ ..

चन्द्रमा मनसो जातः चक्षोः सूर्यो अजायत   .
मुखादिन्द्रश् चाग्निश् च प्राणाद्वायुर् अजायत   .. १४ ..

नाभ्या आसीदन्तरिक्षं शीर्ष्णो द्यौः समवर्तत   .
पद्भ्यां भूमिर् दिशः श्रोत्रात् तथा लोकाम् अकल्पयन्   .. १५ ..

वेदाहमेतं पुरुषं महान्तम् आदित्यवर्णं तमसस्तु पारे  .
सर्वाणि रूपाणि विचित्य धीरः नामानि कृत्वाऽभिवदन् यदास्ते  .. १६ ..

धाता पुरस्ताद्यमुदाजहार शक्रः प्रविद्वान्  प्रदिशश्चतस्त्रः  .
तमेवं विद्यानमृत इह भवति नान्यः पन्था अयनाय विद्यते  .. १७ ..

यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्   .
तेह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः   ..१८ ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   पुरुषसूक्त स्नानं समर्पयामि  ..

३०. २  श्री सूक्त

हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्ण रजतस्रजाम्  .
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह  .. १..

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्  .
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्  .. २ ..

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम्  .
श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम्  .. ३ ..

कांसोस्मि तां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्  .
पद्मेस्थितां पद्मवर्णां त्वामिहोपह्वये श्रियम्  .. ४ ..

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्  .
तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे  ..५..

आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः  .
तस्य फलानि तपसानुदन्तुमायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः  .. ६ ..

उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह  .
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्  कीर्तिमृद्धिं ददातु मे  .. ७ ..

क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम्  .
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुदमे गृहात्  .. ८ ..

गंधद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्  .
ईश्वरीं सर्वभूतानां त्वामिहोपह्वये श्रियम्  .. ९ ..

मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि  .
पशूनां रूपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः  .. १० ..

कर्दमेन प्रजाभूता मयि सम्भवकर्दम  .
श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम्  .. ११ ..

आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीतवसमे गृहे  .
निचदेवीं मातरगुं श्रियं वासय मे कुले  .. १२ ..

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम्  .
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह  .. १३ ..

आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम्  .
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह  .. १४ ..

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्  .
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावोदास्योऽश्वान्विन्देयं पुरुषानहम्  .. १५ ..

यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम्  .
सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकामः सततं जपेत्  .. १६ ..

पद्मानने पद्म ऊरू पद्माक्षी पद्मसम्भवे  .
तन्मेभजसि पद्माक्षी येन सौख्यं लभाम्यहम्  .. १७ ..

अश्वदायी गोदायी धनदायी महाधने  .
धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे  .. १८ ..

पद्मानने पद्मविपद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि  .
विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि संनिधत्स्व  .. १९ ..

पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम्  .
प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे  .. २० ..

धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः  .
धनमिन्द्रो बृहस्पतिर्वरुणं धनमस्तु ते  .. २१ ..

वैनतेय सोमं पिब सोमं पिबतु वृत्रहा  .
सोमं धनस्य सोमिनो मह्यं ददातु सोमिनः  .. २२ ..

नक्रोधो न च मात्सर्यं न लोभो नाशुभा मतिः  . .
भवन्ति कृतपुण्यानां भक्तानां श्रीसूक्तं जपेत्  .. २३ ..

सरसिजनिलये सरोजहस्ते धवलतरां शुकगन्धमाल्यशोभे  .
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवन भूतिकरि प्रसीद मह्यम्  .. २४ ..

विष्णुपत्नीं क्षमादेवीं माधवीं माधवप्रियाम्  .
लक्ष्मीं प्रियसखीं देवीं नमाम्यच्युतवल्लभाम्  .. २५ ..

महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नी च धीमहि  .
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्  .. २६ ..

श्रीवर्च स्वमायुष्यमारोग्य माविधाच् छोभमानं महीयते  .
धान्यं धनं पशुं बहुपुत्रलाभं शतसंवत्सरं दीर्घमायुः  .. २७ ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  श्री सूक्त स्नानं समर्पयामि  ..

३०. ३  विष्णु सूक्त

अतो देवा अवन्तुनो यतो विष्णुर् विचक्रमे  .
पृथिव्याः सप्त धामभिः  ..
इदं विष्णुर् विचक्रमे त्रेधा निदधे पदम्  .
समूढमस्य पागुंसुरे  ..
त्रीणि पदा विचक्रमे विष्णुर् गोपा अदाभ्यः  .
ततो धर्माणि धारयन्  ..
विष्णोः कर्माणि पश्यत यतो व्रतानि पस्पशे  .
इन्द्रस्य युज्यः सखा  ..
तद् विष्णोः परमं पदं सदा पश्यन्ति सूरयः  .
दिवीव चक्षुराततम्  ..
तद् विप्रासो विपन्यवो जाग्रुवां सःसमिन्धते  .
विष्णोर् यत् परमं पदं  ..

देवश्य त्वा सवितुः प्रसवेश्विनोर् भाहुभ्यां पूष्णो हस्ताभ्याम्
अग्नेय्स्तेजसा सूर्यश्च अर्चसेन्द्रस्यं इन्द्रियेनाभिशिञ्चामि  ..

बलाय श्रियै यशसेन्नाध्याय अम्रुताभिषेको अस्तु  .
शान्तिः पुष्टिः तुष्टिः च अस्तु  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   महा अभिषेक स्नानं समर्पयामि  ..

३१  प्रतिष्ठापना

ॐ नमो वेङ्कटेश्वराय  .. (Repeat 12 times)

ॐ तदस्तु मित्रा वरुणा तदग्ने सम्योरश्मभ्यमिदमेस्तुशस्तम्  .
अशीमहि गादमुत प्रतिष्ठां नमो दिवे ब्रहते साधनाय  ..
ॐ ग्रिहावै प्रतिष्ठासूक्तं तत् प्रतिष्टित तमया वाचा  .
शं स्तव्यं तस्माद्यद्यपिदूर इव पशून् लभते गृहानेवै  ..
नानाजिगमिशति ग्रिहाहि पशूनां प्रतिष्ठा प्रतिष्ठा

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय सांगाय सपरिवाराय सायुधाय
सशक्तिकाय नमः  .  श्री वेङ्कटेश्वराय सांगं सपरिवारं
सायुधं सशक्तिकं आवाहयामि  ..
श्री पद्मावती सहित श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  ..
सुप्रतिष्ठमस्तु  ..

३२  वस्त्र

( offer two pieces of cloth for the Lord)

ॐ तं यज्ञं बर्हिषि प्रौक्षन् पुरुषं जातमग्रतः  .
तेन देवा अयजन्त साध्या ऋषयश्च ये  ..

ॐ उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह  .
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेस्मिन् कीर्तिमृद्धिं ददातु मे  ..

तप्त काञ्चन संकाशं पीताम्बरं इदं हरे  .
सङ्ग्रहाण जगन्नाथ वेङ्कटेश्वराय नमोऽस्तुते  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  वस्त्रयुग्मं समर्पयामि  ..

३३  श्री  पद्मावती पूजा
३३. १  कंचुकी

नवरत्नाभिर्दधां सौवर्णैश्चैव तंतुभिः  .
निर्मितां कंचुकीं भक्त्या गृहाण परमेश्वरी  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः .  कंचुकीं समर्पयामि  ..

३३. २  कण्ठ सूत्र

मांगल्य तंतुमणिभिः मुक्तैश्चैव विराजितम्  .
स्ँआङ्गल्य अभिवृध्यर्थं कण्ठसूत्रं ददामि ते  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  कण्ठसूत्रं समर्पयामि  ..

३३. ३  ताडपत्राणि

ताडपत्राणि दिव्याणि विचित्राणि शुभानि च  .
कराभरणयुक्तानि मातस्तत्प्रतिगृह्यताम्  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः ताडपत्रानि समर्पयामि  ..

३३. ४  हरिद्रा

हरिद्रा रंजिते देवी सुख सौभाग्य दायिनी  .
हरिद्रांते प्रदास्यामि गृहाण परमेश्वरि  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  हरिद्रा समर्पयामि  ..

३३. ५  कुङ्कुम

कुङ्कुमं कामदां दिव्यं कामिनी काम संभवम्  .
कुङ्कुमार्चिते देवि सौभाग्यार्थं प्रतिगृह्यताम्  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  कुङ्कुमं समर्पयामि  ..

३३. ६  कज्जल

सुनील भ्रमराभसं कज्जलं नेत्र मण्डनम्  .
मयादत्तमिदं भक्त्या कज्जलं प्रतिगृह्यताम्  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  कज्जलं समर्पयामि  ..

३३. ७  सिंदूर

विद्युत् कृशानु सङ्काशं जपा कुसुमसन्निभम्  .
सिन्दूरंते प्रदास्यामि सौभाग्यं देहि मे चिरम्  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  सिन्दूरं समर्पयामि  ..

३३. ८  नाना आभरण

स्वभावा सुन्दरांगि त्वं नाना रत्न युतानि च  .
भूषणानि विचित्राणि प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  नाना आभरणानि समर्पयामि  ..

३३. ९  नाना परिमल द्रव्यम्

नाना सुगन्धिकं द्रव्यं चूर्णीकृत्य प्रयत्नतः  .
ददामि ते नमस्तुभ्यं प्रीत्यर्थं प्रतिगृह्यताम्  ..
ॐ श्री पद्मावत्यै नमः  .  नाना परिमल द्रव्यं समर्पयामि  ..

३४  यज्ञोपवीतम्

तस्माद्यज्ञात्सर्वहुतः संभृतं पृषदाज्यम्  .
पशूगंस्तागंश्चक्रे वायव्यान् आरण्यान् ग्राम्याश्चये  ..

क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम्  .
अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुदमे गृहात्  ..

ब्रह्मा विष्णु महेशश्च निर्मितं ब्रह्मसूत्रकम्  .
यज्ञोपवीतं तद्दानात् प्रियतां कमलापतिः  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  यज्ञोपवीतं समर्पयामि  ..

३५  आभरणं  हस्त भूषणं

गृहाण नानाभरणानि वेङ्कटेश्वराय निर्मितानि  .
ललाट कण्ठोत्तम कर्ण हस्त नितम्ब हस्तांगुलि भूषणानि  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  आभरणानि समर्पयामि  ..
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  हस्त भूषणं समर्पयामि  ..

३६  गंधम्

तस्माद्यज्ञात्सर्वहुतः ऋचः सामानि जज्ञिरे  .
छन्दांगसि जज्ञिरे तस्मात् यजुस्तस्मादजायत  ..

गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम्  .
ईश्वरीं सर्वभूतानां त्वामिहोपह्वये श्रियम्  ..

गौरोचन चंदन देवदारु कर्पूर कृष्णागरु नागराणि  .
कस्तूरिका केसर मिश्रितानि  यथोचितं सत्यमयार्पितानि  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  गंधं समर्पयामि  ..

३७  नाना परिमल द्रव्यम्

ॐ अहिरैव भोग्येः पर्येति बाहुं जाया हेतिं परिभादमानः  .
हस्तज्ञो विश्वावयुनानि विद्वान् पुमास्प्रमांसं परिपातु विश्वतः  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  नाना परिमल द्रव्यं समर्पयामि  ..

३८  अक्षत

तस्मादश्वा अजायन्त ये के चो भयादतः  .
गावो ह जज्ञिरे तस्मात् तस्माज्जाता अजावयः  ..

मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि  .
पशूनां रूपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः  ..

श्वेत तुण्डल संयुक्तान् कुङ्कुमेन विराजितान्  .
अक्षतान् गृह्यतां देव नारायण नमोऽस्तुते  ..

श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  अक्षतान् समर्पयामि  ..

३९  पुष्प

माल्यादीनि सुगन्धीनि माल्यतादीनि वैप्रभो  .
मया ह्रितानि पूजार्थं पुष्पाणि प्रतिगृह्यताम्  ..
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  पुष्पाणि समर्पयामि  ..

तुलसी कुंदमंदार पारिजाताम्बुजैस्तथा  .
पञ्चभिर्ग्रथिता माला वैजयंति कथ्यते  ..
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  वैजयंती माला समर्पयामि  ..

४०  नाना अलङ्कार

कटि सूताङ्गुली येच कुण्डले मुकुठं तथा  .
वनमालां कौस्तुभं च गृहाण पुरुषोत्तम  ..

श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  नाना अलंकारान् समर्पयामि  ..

४१  अथाङ्गपूजा

ॐ श्री वेङ्कटेशाय नमः  .  पादौ पूजामि  ..              
ॐ श्रीनिवासाय नमः  .  गुल्फौ पूजामि  ..           
ॐ लक्ष्मीपतये नमः  .  जानुनी पूजामि  ..
ॐ अनामयाय नमः  .  जंघे पूजामि  ..                       
ॐ अमृतांशाय नमः  .  ऊरून् पूजामि  ..         
ॐ जगद्वंद्याय नमः  .  गुह्यं पूजामि  ..
ॐ गोविंदाय  नमः  .  जघनं पूजामि  ..                    
ॐ शाश्वताय नमः  .  कटिं पूजामि  ..                       
ॐ प्रभवे नमः  .  उदरं पूजामि  ..
ॐ शेषाद्रि निलयाय नमः  .  हृदयं पूजामि  ..
ॐ देवाय नमः  .   पार्श्वौ पूजामि  ..          
ॐ केशवाय नमः  .  पृष्ठदेहं पूजामि  ..
ॐ मधुसूदनाय नमः  .  स्कन्धौ पूजामि  ..  
ॐ अमृताय नमः  .  बाहून् पूजामि  ..                     
ॐ माधवाय नमः  .  हस्तान् पूजामि  ..
ॐ कृष्णाय नमः  .  कण्ठं पूजामि  ..                      
ॐ श्री हरये नमः  .  वदनं पूजामि  ..
ॐ श्री वेङ्कटेशाय नमः  .  नासिकां पूजामि  ..           
ॐ श्रीनिवासाय नमः  .  श्रोत्रे पूजामि  ..
ॐ लक्ष्मीपतये नमः  .  नेत्राणि पूजामि  ..
ॐ जगदीश्वराय नमः  .  भ्रवौ पूजामि  ..
ॐ परब्रह्मणे नमः  .  भ्रूमध्यं पूजामि  ..
ॐ ओर्दन्डविक्रमाय नमः  .  ललाटं पूजामि  ..
ॐ परात्पराय  नमः  .    शिरः पूजामि  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः सर्वाङ्गाणि पूजामि  ..

४२  अथ पुष्प पूजा

ॐ शाश्वताय नमः  .  करवीर पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ मधुसूदनाय नमः  .  जाजी पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ शेषाद्रि निलयाय नमः  .  चम्पका पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ अमृताय नमः  .  वकुल पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ केशवाय नमः  .  शतपत्र पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ पद्मिनि प्रियाय नमः  .  कल्हार पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ अच्युताय नमः  .  सेवन्तिका पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ विष्णवे नमः  .  मल्लिका पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ चतुर्वेदात्मकाय नमः  .  इरुवंतिका पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ नित्ययौवन रूपवते नमः  .  गिरिकर्णिका पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ यादवेंद्राय नमः  .  आथसी पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ सुधातनवे नमः  .  पारिजात पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ अव्ययाय नमः  .  पुन्नाग पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ वैकुण्ठपतये नमः  .  कुन्द पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ माधवाय नमः  .  मालति पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ कृष्णाय नमः  .  केतकी पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ श्री हरये नमः  .  मन्दार पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ श्री वत्सवक्षसे नमः  .  पातली पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ सर्वेशाय नमः  .  अशोक पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ गोपालाय नमः  .  पूग पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः  .  दाडिमा पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ गोपीश्वराय नमः  .  देव दारु पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ परंज्योतिषे नमः  .  सुगन्ध राज पुष्पं समर्पयामि  ..
ॐ धरापतये नमः  .  कमल पुष्पं समर्पयामि  ..                  
     
श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  पुष्पपूजां समर्पयामि  ..

४३  अथ पत्र पूजा

ॐ सुरपतये नमः  .  तुलसी पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ शङ्खधारकाय नमः  .  जाजी पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ नन्दकिने नमः  .  चम्पका पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ शार्ङ्गपाणये नमः  .  बिल्व पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ गदाधराय नमः  .  दूर्वायुग्मं समर्पयामि  ..
ॐ निरुपद्रवाय नमः  .  सेवन्तिका पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ निर्गुणाय नमः  .  मरुग पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ नित्यतृप्ताय नमः  .  दवन पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ निरान्तकाय नमः  .  करवीर पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ निरञ्जनाय नमः  .  विष्णु क्रान्ति पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ निराभासाय नमः  .  माचि पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ निर्मलाय नमः  .  मल्लिका पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ देवपूजिताय नमः  .  इरुवन्तिका पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ चतुर्भुजाय नमः  .  अपामार्ग पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ चक्रधराय नमः  .  पारिजात पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ त्रिधाम्ने नमः  .  दाडिमा पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ त्रिगुणाश्रयाय नमः  .  बदरी पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ निष्कलङ्काय नमः  .  शामी पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ परात्पराय नमः  .  आम्र पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ शान्ताय नमः  .  मन्दार  पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ श्रीमते नमः  .  वट पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ परब्रह्मणे नमः  .  कमल पत्रं समर्पयामि  ..
ॐ जगदीश्वराय नमः  .  वेणु पत्रं समर्पयामि  ..

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  पत्रपूजां समर्पयामि  ..

४४  नाम पूजा

ॐ केशवाय नमः  .  ॐ नारायणाय नमः  .
ॐ माधवाय नमः  .  ॐ गोविंदाय नमः  .
ॐ विष्णवे नमः  .  ॐ मधुसूदनाय नमः  .
ॐ त्रिविक्रमाय नमः  .  ॐ वामनाय नमः  .
ॐ श्रीधराय नमः  .  ॐ हृषीकेशाय नमः  .
ॐ पद्मनाभाय नमः  .  ॐ दामोदराय नमः  .
ॐ सङ्कर्षणाय नमः  .  ॐ वासुदेवाय नमः  .
ॐ प्रद्युम्नाय नमः  .  ॐ अनिरुद्धाय नमः  .
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः  .  ॐ अधोक्षजाय नमः  .
ॐ नारसिंहाय नमः  .  ॐ अच्युताय नमः  .
ॐ जनार्दनाय नमः  .  ॐ उपेंद्राय नमः  .
ॐ हरये नमः  .  ॐ श्री कृष्णाय नमः  .
ॐ परशुरामाय नमः  .  ॐ रामाय नमः  .
ॐ बुद्धाय नमः  .  ॐ कल्किने नमः  .

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  नाम पूजां समर्पयामि  ..

४५  पद्मावती नाम पूजा

ॐ महालक्ष्म्यै नमः  .  ॐ कमलायै नमः  .
ॐ पद्मासंयै नमः  .  ॐ सोमायै नमः  .
ॐ चण्डिकायै नमः  .  ॐ अनघायै नमः  .
ॐ रमायै नमः  .  ॐ पीताम्बरधारिण्यै नमः  .
ॐ दिव्यगन्धानुलेपनायै नमः  .  ॐ सुरूपायै नमः  .
ॐ रत्नदीप्तायै नमः  .  ॐ वांछितार्थ प्रदायिन्यै नमः  .
ॐ इंदिरायै नमः  .  ॐ नारायणायै नमः  .
ॐ कंबु ग्रीवायै नमः  .  ॐ हरिप्रियायै नमः  .
ॐ शुभदायै नमः  .  ॐ लोकमात्रे नमः  .
ॐ दैत्यदर्पापहारिण्यै नमः  .  ॐ सुरासुरपूजितायै नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  पद्मावती नाम पूजां समर्पयामि  ..

४६  आवरण पूजा

४६. १  प्रथमावरण पूजा

ॐ नारायणाय नमः  .  ॐ नराय नमः  .
ॐ अच्युताय नमः  .  ॐ आदिमध्यांत शून्याय नमः  .
ॐ विष्णवे नमः  .  ॐ हरये नमः  .
ॐ सृष्टिस्थिति संहारकाय नमः  .  ॐ दामोदराय नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  प्रथमावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. २  द्वितीयावरण पूजा

ॐ ऋग्वेदाय नमः  .  ॐ यजुर्वेदाय नमः  .
ॐ सामवेदाय नमः  .  ॐ अथर्वण वेदाय नमः  .
ॐ वह्नि मण्डलाय नमः  .  ॐ सूर्य मण्डलाय नमः  .
ॐ सोम मण्डलाय नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  द्वितीयावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. ३  तृतीयावरण पूजा

ॐ केशवाय नमः  .  ॐ नारायणाय नमः  .
ॐ माधवाय नमः  .  ॐ गोविंदाय नमः  .
ॐ विष्णवे नमः  .  ॐ मधुसूदनाय नमः  .
ॐ त्रिविक्रमाय नमः  .  ॐ वामनाय नमः  .
ॐ श्रीधराय नमः  .  ॐ हृषीकेशाय नमः  .
ॐ पद्मनाभाय नमः  .  ॐ दामोदराय नमः  .
ॐ सङ्कर्षणाय नमः  .  ॐ वासुदेवाय नमः  .
ॐ प्रद्युम्नाय नमः  .  ॐ अनिरुद्धाय नमः  .
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः  .  ॐ अधोक्षजाय नमः  .
ॐ नारसिंहाय नमः  .  ॐ अच्युताय नमः  .
ॐ जनार्दनाय नमः  .  ॐ उपेंद्राय नमः  .
ॐ हरये नमः  .  ॐ श्री कृष्णाय नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  तृतीयावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. ४  चतुर्थावरण पूजा

ॐ सूर्याय नमः  .  ॐ सोमाय नमः  .
ॐ अंगारकाय नमः  .  ॐ बुधाय नमः  .
ॐ बृहस्पतये नमः  .  ॐ शुक्राय नमः  .
ॐ शनैश्चराय नमः  .  ॐ राहवे नमः  .
ॐ केतवे नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  चतुर्थावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. ५  पञ्चमावरण पूजा

ॐ इंद्राय नमः  .  ॐ अग्नये नमः  .
ॐ यमाय नमः  .  ॐ नैऋतये नमः  .
ॐ वरुणाय नमः  .  ॐ वायव्ये नमः  .
ॐ कुबेराय नमः  .  ॐ ईशानाय नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  पञ्चमावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. ६  षष्ठावरण पूजा

ॐ मेषाय नमः  .  ॐ वृषभाय नमः  .
ॐ मिथुनाय नमः  .  ॐ कटकाय नमः  .
ॐ सिंहाय नमः  .  ॐ कन्यायै नमः  .
ॐ तुलायै नमः  .  ॐ वृश्चिकाय नमः  .
ॐ धनुषे नमः  .  ॐ मकराय नमः  .
ॐ कुंभाय नमः  .  ॐ मीनाय नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  षष्ठावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. ७  सप्तमावरण पूजा

ॐ ब्राह्म्यै नमः  .  ॐ माहेश्वर्यै नमः  .
ॐ क्ँआर्यै नमः  .  ॐ वैष्णव्यै नमः  .
ॐ वाराह्यै नमः  .  ॐ नारसिंहायै नमः  .
ॐ चामुण्डायै नमः  .  ॐ इंद्राण्यै नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  सप्तमावरण पूजां समर्पयामि  ..

४६. ८  अष्टमावरण पूजा

ॐ मत्स्याय नमः  .  ॐ कूर्माय नमः  .
ॐ वराहाय नमः  .  ॐ नारसिंहाय नमः  .
ॐ वामनाय नमः  .  ॐ परशुरामाय नमः  .
ॐ रामाय नमः  .  ॐ कृष्णाय नमः  .
ॐ बुद्धाय नमः  .  ॐ कल्किने नमः  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  अष्टमावरण पूजां समर्पयामि  ..

४७  कथा
ऱेअद् ओउत् ओर् नर्रते हेरे थे स्तोर्य् ओफ़् ष्रीनिवास पद्मवती कल्याण

४८  अष्टोत्तरशतनाम पूजा
छन्त् ढ्यान् ष्लोकस्

ॐ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम्  .
लक्ष्मी कान्तं कमलनयनं योगिहृद्ध्यानगम्यं
वन्देविष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्  ..

कल्याणाद्भुत गात्राय कामितार्थ प्रदायिने  .
श्रीमद् वेङ्कटनाथाय श्रीनिवासाय मङ्गलम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेशाय नमः  .
ॐ श्रीनिवासाय नमः  .                
ॐ लक्ष्मीपतये नमः  .
ॐ अनामयाय नमः  .                 
ॐ अमृतांशाय नमः  .
ॐ जगद्वन्द्याय नमः  .
ॐ गोविन्दाय  नमः  .
ॐ शाश्वताय नमः  .                   
ॐ प्रभवे नमः  .
ॐ शेषाद्रि निलयाय नमः  .. १०..              

ॐ देवाय नमः  . 
ॐ केशवाय नमः  .
ॐ मधुसूदनाय नमः  .
ॐ अमृताय नमः  .                  
ॐ माधवाय नमः  .
ॐ कृष्णाय नमः  .                     
ॐ श्री हरये नमः  .
ॐ ज्ञान पञ्जराय नमः  .
ॐ श्री वत्स वक्षसे नमः  .
ॐ सर्वेशाय नमः  ..२०..                  

ॐ गोपालाय नमः  .
ॐ पुरुषोत्तमाय नमः  .  
ॐ गोपीश्वराय नमः  .
ॐ परंज्योतिषे नमः  .
ॐ वैकुण्ठपतये नमः  .
ॐ अव्ययाय  नमः  .        
ॐ सुधातनवे नमः  .
ॐ यादवेंद्राय नमः  .                       
ॐ नित्य यौवन रूपवते नमः  .
ॐ चतुर्वेदात्मकाय नमः  ..३०..

ॐ विष्णवे नमः  .
ॐ अच्युताय नमः  .                       
ॐ पद्मिनि प्रियाय नमः  .
ॐ धरापतये नमः  .                      
ॐ सुरपतये नमः  .
ॐ निर्मलाय नमः  .
ॐ देवपूजिताय नमः  .
ॐ चतुर्भुजाय नमः  .                      
ॐ चक्रधराय नमः  .
ॐ त्रिधाम्ने नमः  ..४०..                  

ॐ त्रिगुणाश्रयाय नमः  .
ॐ निर्विकल्पाय नमः  .
ॐ निष्कलङ्काय नमः  .
ॐ निरान्तकाय नमः  .                       
ॐ निरञ्जनाय नमः  .
ॐ निराभासाय नमः  .                 
ॐ नित्यतृप्ताय नमः  .
ॐ निर्गुणाय नमः  .
ॐ निरुपद्रवाय नमः  .
ॐ गदाधराय नमः  ..५०..                       

ॐ शार्ङ्गपाणये नमः  .
ॐ नन्दकिने नमः  .         
ॐ शङ्खधारकाय नमः  .
ॐ अनेकमूर्तये नमः  .
ॐ अव्यक्ताय नमः  .
ॐ कठीहस्ताय नमः  .                  
ॐ वरप्रदाय नमः  .
ॐ अनेकात्मने नमः  .                   
ॐ दीनबन्धवे नमः  .
ॐ आर्तलोकाभयप्रदाय नमः  ..६०..

ॐ आकाशराज वरदाय नमः  .
ॐ योगीहृत्पद्म मन्दिराय नमः  .    
ॐ दामोदराय नमः  .
ॐ जगत्पालाय नमः  .                  

ॐ पापज्ञाय नमः  .
ॐ भक्तवत्सलाय नमः  .
ॐ त्रिविक्रमाय नमः  .
ॐ शिंशुमाराय नमः  .              
ॐ जटामुकुटशोभिताय नमः  .
ॐ शङ्खमद्योल्लसन्मञ्जुल किन्किणाड्यकरन्डकाय नमः  ..७०..

ॐ नीलमेघ श्यामतनवे नमः  .
ॐ बिल्व पत्रार्चन प्रियाय नमः  . 
ॐ जगद्व्यापिने नमः  .
ॐ जगद्कर्त्रे नमः  .
ॐ जगत्पतये नमः  .
ॐ चिन्तितार्थप्रदाय नमः  .          
ॐ जिष्णवे नमः  .
ॐ दशरूपवते नमः  .          
ॐ देवकीनन्दनाय नमः  .
ॐ शौरये नमः  ..८०..

ॐ हयग्रीवाय नमः  .
ॐ जनार्दनाय नमः  .                 
ॐ कन्याश्रवणाय नमः  .
ॐ तारेज्याय नमः  .
ॐ पीताम्बरधराय नमः  .  
ॐ अनघाय नमः  .        
ॐ वनमालिने नमः  .
ॐ पद्मनाभाय नमः  .  
ॐ मृगयासक्तमानसाय नमः  .
ॐ अश्वारूढाय नमः  ..९०..

ॐ खड्गधारिणे नमः  .
ॐ धनार्जन समुत्स्काय नमः  .      
ॐ सच्चिदानन्दरूपाय नमः  .
ॐ गणसरलासन्मध्य कस्तूरि तिलकोज्वलाय नमः  .                 
ॐ जगन्मङ्गलदायकाय नमः  .
ॐ यज्ञरूपाय नमः  .                       
ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः  .
ॐ चिन्मयाय नमः  .
ॐ परमेश्वराय नमः  .
ॐ परमार्थप्रदायकाय नमः  ..१००..

ॐ परात्पराय नमः  .
ॐ शान्ताय नमः  .        
ॐ श्रीमते नमः  .
ॐ दोर्दन्डविक्रमाय नमः  .      
ॐ परात्पराय नमः  .
ॐ परब्रह्मणे नमः  .         
ॐ श्री विभवे नमः  .
ॐ जगदीश्वराय नमः  ..१०८..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  अष्टोत्तर पूजां समर्पयामि  ..

४९  धूपं

वनस्पत्युद्भवो दिव्यो गन्धाढ्यो गन्धवुत्तमः  .
वेङ्कटेश्वराय महिपालो धूपोयं प्रतिगृह्यताम्  ..

यत्पुरुषं व्यदधुः कतिधा व्यकल्पयन्  .
मुखं किमस्य कौ बाहू कावूरू पादावुच्येते  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वर स्वामिने नमः  .  धूपं आघ्रापयामि  ..

५०  दीपं

साज्यं त्रिवर्ति संयुक्तं वह्निना योजितुं मया  .
गृहाण मङ्गलं दीपं त्रैलोक्य तिमिरापहम्  ..

भक्त्या दीपं प्रयश्चामि देवाय परमात्मने  .
त्राहि मां नरकात् घोरात् दीपं ज्योतिर् नमोस्तुते  ..

ब्राह्मणोस्य मुखमासीत् बाहू राजन्यः कृतः  .
उरू तदस्य यद्वैश्यः पद्भ्यां शूद्रो अजायत  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  दीपं दर्शयामि  ..

५१  नैवेद्यं

( dip finger in water and write a square and
'shrii' mark inside the square. Place naivedya on
'shrii'. ; remove lid and sprinkle water around
the vessel; place in each food item one washed
leaf/flower/axatha)

ॐ नारायणाय विद्महे  .  वासुदेवाय धीमहि  .
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्  ..

ॐ नमः वेङ्कटेश्वराय  ..
(show mudras)

निर्वीषिकरणार्थे तार्क्ष मुद्रा  .
अमृती करणार्थे धेनु मुद्रा  .
पवित्री करणार्थे शङ्ख मुद्रा  .
संरक्षणार्थे चक्र मुद्रा  .
विपुलमाया करणार्थे मेरु मुद्रा  .

टोउच् नैवेद्य अन्द् चन्त् ९ तिमेस् ' ॐ'

ॐ सत्यंतवर्तेन परिसिञ्चामि
( sprinkle water around the naivedya)

भोः! स्वामिन् भोजनार्थं आगश्चादि विज्ञाप्य
( request Lord to come for dinner)

सौवर्णे स्थालिवैर्ये मणिगणकचिते गोघृतां
सुपक्वां भक्ष्यां भोज्यां च लेह्यानपि
सकलमहं जोष्यम्न नीधाय नाना शाकै रूपेतं
समधु दधि घृतं क्षीर पाणीय युक्तं
तांबूलं चापि विष्णु प्रतिदिवसमहं मनसे चिंतयामि  ..

अद्य तिष्ठति यत्किन्चित् कल्पितश्चापरंगृहे
पक्वान्नं च पानीयं यथोपस्कर संयुतं
यथाकालं मनुष्यार्थे मोक्ष्यमानं शरीरिभिः
तत्सर्वं विष्णुपूजास्तु प्रयतां मे जनार्दन
सुधारसं सुविफुलं आपोषणमिदं
तव गृहाण कलशानीतं यथेष्टमुप भुज्ज्यताम्  ..

ॐ नमो वेङ्कटेश्वराय  .  श्री पद्मावती वेङ्कटेश्वराय नमः  ..
अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा  ..
(drop water from sha.nkha)

ॐ प्राणात्मने नारायणाय स्वाहा  .
ॐ अपानात्मने वासुदेवाय स्वाहा  .
ॐ व्यानात्मने सङ्कर्षणाय स्वाहा  .
ॐ उदानात्मने प्रद्युम्नाय स्वाहा  .
ॐ समानात्मने अनिरुद्धाय स्वाहा  .

ॐ नमः वेङ्कटेश्वराय  .

नैवेद्यं गृह्यतां देव भक्ति मे अचलां कुरुः  .
ईप्सितं मे वरं देहि इहत्र च परां गतिम्  ..

श्री वेङ्कटेश्वर नमस्तुभ्यं महा नैवेद्यं उत्तमम्  .
संगृहाण सुरश्रेष्ठ भक्ति मुक्ति प्रदायकम्  ..

चंद्रमा मनसो जातः चक्षोः सूर्यो अजायत  .
मुखादिन्द्रश्चाग्निश्च प्राणाद्वायुरजायत  ..

आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम्  .
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह  ..

ॐ नमो वेङ्कटेश्वराय  .
श्री पद्मावती सहित वेङ्कटेश्वराय  नमः  .
नैवेद्यं समर्पयामि  ..

(cover face with cloth and chant  गायत्री मंत्र 
five times or repeat 12 times)ॐ नमः वेङ्कटेश्वराय 

सर्वत्र अमृतोपिधान्यमसि स्वाहा  .
ॐ श्री पद्मावतीसहित वेङ्कटेश्वराय  नमः  .
उत्तरापोषणं समर्पयामि  ..

(Let flow water from sha.nkha)

५२  महा फलं
( put tulsi / axathaa on a big fruit)

इदं फलं मयादेव स्थापितं पुरतस्तव  .
तेन मे सफलावाप्तिर्भवेत् जन्मनि जन्मनि  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  महाफलं समर्पयामि  .

५३  फलाष्टक
( put tulsi/axata on fruits)

कूष्मान्ड मातुलिङ्गं च कर्कठी दाडिमी फलम्  .
रम्बा फलं जम्बीरं बदरं तथा  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  फलाष्टकं समर्पयामि  ..

५४  करोद्वर्तनम्

करोद्वर्तनकं देवमया दत्तं हि भक्तितः  .
चारु चंद्र प्रभां दिव्यं गृहाण जगदीश्वर  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .
करोद्वर्तनार्थे चंदनं समर्पयामि  ..

५५  तांबूलं

पूगिफलं सतांबूलं नागवल्लि दलैर्युतम्  .
ताम्बूलं गृह्यतां देव येल लवङ्ग संयुक्तम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  पूगिफल ताम्बूलं समर्पयामि  ..

५६  दक्षिणा

हिरण्य गर्भ गर्भस्थ हेमबीज विभावसोः  .
अनंत पुण्य फलदा अथः शांतिं प्रयश्च मे  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  सुवर्ण पुष्प दक्षिणां समर्पयामि  ..

५७  महा नीराजन

श्रीयै जातः श्रिय आनिर्याय श्रियं वयो जनित्रभ्यो ददातु
श्रियं वसाना अमृतत्त्व मायन् भवंति सत्या समिधा विदत्यून्
श्रिय येवैनं तत् श्रिया मादधाति संततमृचा वषट्कृत्यं
संतत्तं संधीयते प्रजया पशुभिः य येवं वेद  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  महानीराजन दीपं समर्पयामि  ..

५८  कर्पूर दीप

अर्चत प्रार्चत प्रिय मे दासो अर्चत  .
अर्चन्तु पुत्र का वतपुरन्न धृष्ण वर्चत  ..

कर्पूरकं महाराज रंभोद्भूतं च दीपकम्  .
मङ्गलार्थं महीपाल सङ्गृहाण जगत्पते  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  कर्पूर दीपं समर्पयामि  ..

५९  प्रदक्षिणा

नाभ्या आसीदन्तरिक्षम् शीर्ष्णो द्यौः समवर्तत  .
पद्भ्यां भूमिर्दिशः श्रोत्रात् तथा लोकागुं अकल्पयन्  ..

आर्द्रां यःकरिणीं यष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम्  .
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह  ..

यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च  .
तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणे पदे पदे  ..

अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं मम  .
तस्मात् कारुण्य भावेन रक्ष रक्ष रमापते  ..

श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  प्रदक्षिणान् समर्पयामि  ..

६०  नमस्कार

सप्तास्यासन् परिधयः त्रिस्सप्त समिधः कृताः  .
देवा यद्यज्ञं तन्वानाः अबध्नन्पुरुषं पशुम्  ..

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्  .
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावोदास्योश्वान्विन्देयं पुरुषानहम्  ..

नमः सर्व हितार्थाय जगदाधार हेतवे  .
साष्टाङ्गोयं प्रणामस्ते प्रयत्नेन मया कृतः  ..
ऊरुसा शिरसा दृष्ट्वा मनसा वाचसा तथा  .
पद्भ्यां कराभ्यां जानुभ्यां प्रणामोष्टाङ्गं उच्यते  ..

शाट्येनापि नमस्कारान् कुर्वतः शार्ङ्ग पाणये  .
शत जन्मार्चितं पापं तत्क्षणतेव नश्यति  ..

श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  नमस्कारान् समर्पयामि  ..

६१  राजोपचार

गृहाण परमेशान सरत्ने छत्र चामरे  .
दर्पणं व्यञ्जनं  चैव राजभोगाय यत्नथः  ..

श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  छत्रं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  चामरं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  गीतं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  नृत्यं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  वाद्यं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  दर्पणं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  व्यञ्जनं  समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  आन्दोलनं समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  राजोपचारान् समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  सर्वोपचारान् समर्पयामि  ..
श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  समस्त राजोपचारर्थे अक्षतान् समर्पयामि  ..

६२  मंत्र पुष्प

यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवाः तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्  .
ते ह नाकं महिमानः सचन्ते यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः  ..

यः शुचिः प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम्  .
सूक्तं पञ्चदशर्चं च श्रीकामः सततं जपेत्  ..

विद्या बुद्धि धनैश्वर्य पुत्र पौत्रादि संपदः  .
पुष्पांजलि प्रदानेन देहिमे ईप्सितं वरम्  ..

नमोऽस्त्वनंताय सहस्र मूर्तये सहस्र पादाक्षि शिरोरु बाहवे  .
सहस्रनाम्ने पुरुषाय शाश्वते सहस्र कोटी युगधारिणे नमः  ..

ॐ नमो महद्भ्यो नमः अर्भकेभ्यो नमः युवभ्यो नमः आशिनेभ्यः  .
यजां देवान्य दिशक्रवा ममा जायसः शं समावृक्षिदेव  ..
ॐ ममत्तुनः परिज्ञावसरः ममत्तु वातो अपां व्रशन्वान्  .
शिशीतमिन्द्रा पर्वता युवन्नस्थन्नो विश्वेवरिवस्यन्तु देवाः  ..
ॐ कथात अग्ने शुचीयंत अयोर्ददा शुर्वाजे भिराशुशानः  .
उभेयत्तो केतनये दधान ऋतस्य सामनृणयंत देवाः  ..

ॐ राजाधि राजाय प्रसह्य साहिने नमो वयं वैश्रवणाय
कूर्महे समे कामान् काम कामाय मह्यं कामेश्वरो
वैश्रवणो दधातु कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नमः  ..

ॐ स्वस्ति साम्राज्यं भोज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं
पारमेष्ठं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं समंत
पर्यायिस्यात् सार्व बौमः सार्वायुशः अंताद
परार्धात् पृथिव्यै समुद्र पर्यंताय एकरालिति तदप्येश
श्लोकोभिगीतो मरूतः परिवेष्टारो मरुत्तस्य वसन्  गृहे
आविक्षितास्य कामप्रेर् विश्वेदेवा सभासद इति  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .  मंत्रपुष्पं समर्पयामि  ..

६३  शङ्ख ब्रमण

( make three rounds of sha.nkha with
water like aarati and pour down;
chant OM 9 times and show mudras)

इमां आपशिवतम इमं सर्वस्य भेषजे  .
इमां राष्ट्रस्य वर्धिनि इमां राष्ट्र भ्रतोमत  ..

६४  तीर्थ प्राश्न

ॐ श्रियः कान्ताय कल्याण निधये निधयेर्तिनाम्  .
श्री वेङ्कट निवासाय श्रीनिवासाय मङ्गलम्  ..

सर्वदा सर्व कार्येषु नास्ति तेषां अमङ्गलम्  .
येषां हृदयिस्थो भगवान् मङ्गलायतनो हरिः  ..

लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः  .
येषां इन्दीवर श्यामो हृदयस्तो जनार्दनः  ..

अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि निवारणं  .
सर्व पाप उपशमनं विष्णु पादोदकं शुभम्  ..

६५  उपयन दानं

ब्राह्मण सुहासिनि पूजा
( wash feet wipe offer gandha kumkum flowers sapaad
fruits and gitfs and make obeisances)

इष्ट काम्यार्थ प्रयुक्त संयग् आचरित श्री वेङ्कटेश्वर व्रत
सम्पूर्ण फल वाप्यर्थं श्री वेङ्कटेश्वर स्वरूपाय
ब्राह्मणाय वायन दानं करिष्ये  ..

श्री वेङ्कटेश्वर स्वरूपाय ब्राह्मणाय आवाहन पूर्वक आसनं
गन्धं अक्षत धूप दीपादि सकलाराधनै स्वर्चितम्  .

नारायण प्रतिगृह्णातु नारायणो वै ददाति च
नारायणो तारकोभ्याम् नारायणाय नमो नमः  .

देवस्य त्व सवितुः प्रसवेश्विनोर्भाहुभ्यां पूष्नो हस्ताभ्यां
अग्ने तेजसा सूर्यस्य वर्च सेन्द्रियेन्नाभिशिञ्चामि  .

बलाय श्रियै यशसेन्न द्याय श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .
वायनदानं प्रतिगृह्णातु (प्रतिगृह्णा विलाति प्रतिवचनम् )

६६  विसर्जन पूजा

आराधितानां देवतानां पुनः पूजां करिष्ये  ..
श्री वेङ्कटेश्वर स्वामि देवताभ्यो नमः  ..

पुनः पूजा

ॐ शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम्  .
लक्ष्मी कान्तं कमलनयनं योगिहृद्ध्यानगम्यं
वंदेविष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्  ..

ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   ध्यायामि  .  ध्यानं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   आवाहयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   आसनं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   पाद्यं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   अर्घ्यं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   आचमनीयं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   पञ्चामृत स्नानं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   महा अभिषेकं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   वस्त्रयुग्मं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   यज्ञोपवीतं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   गन्धं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   नाना परिमल द्रव्यं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   हस्तभूषणं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   अक्षतान् समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   पुष्पं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   नाना अलंकारं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   अंग पूजां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   पुश्प पूजां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   पत्र पूजां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   आवरण पूजां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   अष्टोत्तर पूजां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   सहस्र नामावलि समर्पयामि
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   धूपं आघ्रापयामि
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   दीपं दर्शयामि
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   नैवेद्यं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   महा फलं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   फलाश्टकं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   करोद्वर्थनकं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   ताम्बूलं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   दक्षिणां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   महा नीराजनं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   कर्पूर दीपं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   प्रदक्षिणां समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   नमस्कारान् समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   राजोपचारं समर्पयामि  .
ॐ श्री वेङ्कटेश्वराय नमः  .   मन्त्रपुष्पं समर्पयामि  .

पूजांते छत्रं समर्पयामि  .  चामरं समर्पयामि  .
नृत्यं समर्पयामि  .  गीतं समर्पयामि  .
वाद्यं समर्पयामि  .  आंदोलिक आरोहणं समर्पयामि  .
अश्वारोहणम् समर्पयामि  .  गजारोहणं समर्पयामि  .

श्री वेङ्कटेश्वर स्वामी देवताभ्यो नमः  .

समस्त राजोपचार देवोपचार शक्त्युपचार भक्त्युपचार
पूजां समर्पयामि  ..

६७  आत्म समर्पण

यस्य स्मृत्या च नाम्नोक्त्य तपः पूजा क्रियादिशु  .
न्यूनं सम्पूर्णतां याति सद्यो वन्दे तम् अच्युतम्  ..

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन  .
यत्पूजितं मयादेव परिपूर्णं तथस्तु मे  ..

आवाहनं न जानामि , न जानामि विसर्जनम्  .
पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम  ..

अनेन मया क्रतेन श्री वेङ्कटेश्वर स्वामि देवता
सुप्रीत सुप्रसन्ना वरदा भवतु  .

मध्ये मन्त्र तन्त्र स्वर वर्ण न्युनातिरिक्त लोप दोष
प्रायश्चित्तार्थं अच्युतानन्तगोविंद नामत्रय
महा मन्त्र जपं करिष्ये  ..

ॐ अच्युताय नमः  .  ॐ अनंताय नमः  .  ॐ गोविंदाय नमः
ॐ अच्युताय नमः  .  ॐ अनंताय नमः  .  ॐ गोविंदाय नमः
ॐ अच्युताय नमः  .  ॐ अनंताय नमः  .  ॐ गोविंदाय नमः
अच्युतानंतगोविन्देभ्यो नमः  .

कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतेः स्वभावात्  .
करोमि यद्यत् सकलं परस्मै नारायणेति समर्पयामि  ..

नमस्मरोमि  .
श्री वेङ्कटेश्वर स्वामी देवता प्रसादं शिरसा गृह्णामि  ..

६८  क्षमापनं

अपराध सहस्राणि क्रियन्ते अहर्निशं मया  .
तानि सर्वाणि मे देव क्षमस्व पुरुषोत्तम  ..

यान्तु देव गण सर्वे पूजां आदाय पर्तिवीम्
इष्ट काम्यार्थ सिध्यर्थं पुनरागमनाय च  ..

(Shake the kalasha)
..  श्री कृष्णार्पणमस्तु  ..

 
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